के विभिन्न घूर्णन वेग वाली माप की व्याख्या की गई है.
2.
स्पेक्ट्रोस्कोपी अध्ययन के अन्तर्भाग में M31 के विभिन्न घूर्णन वेग वाली माप की व्याख्या की गई है.
3.
चूँकि उनका घूर्णन वेग ९०° है, उन्हें एक पारगमन में, जो ३६०° की धुरी के गिर्द घूमता है, दुहरा प्रकाश-किरण बनाने के लिए तालबद्ध किया गया है।
4.
उदाहरण के लिये यदि एक ही साथ बलाघूर्ण और घूर्णन वेग (कोणीय वेग) मापा जाय तो किसी भी इंजन, मोटर या अन्य युक्ति द्वारा उत्पन्न की गयी शक्ति की गणना कर सकते हैं।
5.
उदाहरण के लिये यदि एक ही साथ बलाघूर्ण और घूर्णन वेग (कोणीय वेग) मापा जाय तो किसी भी इंजन, मोटर या अन्य युक्ति द्वारा उत्पन्न की गयी शक्ति की गणना कर सकते हैं।
6.
उदाहरण के लिये यदि एक ही साथ बलाघूर्ण और घूर्णन वेग (कोणीय वेग) मापा जाय तो किसी भी इंजन, मोटर या अन्य युक्ति द्वारा उत्पन्न की गयी शक्ति की गणना कर सकते हैं।
7.
और उसके घूमने का वेग चन्द्र के पृथ्वी के परिक्रमण वेग से कहीं अधिक होता है, अत: समुद्र का जो हिस्सा चन्द्र के ठीक सामने आता है वह ऊपर चढ़ता है और तुरंत वह चढ़ा हुआ जल चन्द्र से आगे चला जाता है क्योंकि पृथ्वी का घूर्णन वेग चन्द्र के परिक्रमन वेग से कहीं अधिक है।